नमस्कार दोस्तो इस पोस्ट में प्राचीन भारत के इतिहास की जानकारी One Liner question answer में बताएँगे| आज सभी Competition की exams में भारत के प्राचीन इतिहास से related काफी प्रश्न पूछे जाते है, इसलिए General competition/Exam की तैयारी कर रहे है तो उन सब को इस पोस्ट में भारत का इतिहास – प्राचीन भारत Part 1 सामान्य ज्ञान से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए है .इन्हें आप ध्यान से पढ़िए ,यह आपके लिए बहुत उपयोगी है:
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- हड़प्पा सभ्यता का सर्वाधिक मान्यता प्राप्त काल 2500 ई.पू. से 1750 ई.पू. है ।
- सिन्धु घाटी की सभ्यता में घोड़े के अवशेष सुरकोटदा में मिले हैं
- सेलखड़ी पदार्थ का उपयोग मुख्य रूप हड़प्पा काल की मुद्राओं के निर्माण में किया गया था।
- हड़प्पा सभ्यता कांस्य युग की थी।
- सिन्धु घाटी सभ्यता के घर ईंट से बनाए जाते थे।
- हड़प्पावासी कपास के उत्पादन में सर्वप्रथम थे ।
- हड़प्पा सभ्यता का सर्वप्रथम खोजकर्ता दयाराम साहनी थे।
- सिन्धु घाटी सभ्यता का पत्तननगर (बंदरगाह) लोथल था ।
- सिंधु घाटी सभ्यता अपने नगर नियोजन के लिए जानी जाती है।
- हड़प्पा में एक उन्नत जल–प्रबंधन प्रणाली का पता धौलावीरा में चलता है|
- हड़प्पा सभ्यता की खोज 1921 ई. में की गई थी।
- हड़प्पा के मिट्टी के बर्तनों पर सामान्यतः लाल रंग का उपयोग किया जाता था ।
- हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो की पुरातात्विक खुदाई के प्रभारी सर जॉन मार्शल थे ।
- हड़प्पा सभ्यता के अन्तर्गत हल से जोते गए खेत का साक्ष्य कालीबंगा से मिला है ।
- सिन्धु सभ्यता में वृहत् स्नानागार मोहनजोदड़ो में प्राप्त किया गया।
- मोहनजोदड़ो से ‘नृत्य मुद्रा वाली स्त्री‘ की कांस्य मूर्ति प्राप्त हुई है।
- लोथल से युगल शवाधान का साक्ष्य मिला है
- पूर्व–वैदिक या ऋग्वैदिक संस्कृति का काल 1500 ई.पू. से 1000 ई.पू. माना जाता है।
- उत्तर– वैदिक संस्कृति का काल 1000 ई.पू. से 600 ई. पू. माना जाता है।
- वैदिक गणित ( शुल्व सूत्र) का महत्वपूर्ण अंग है।
- ऋग्वेद वेद में प्राचीन वैदिक युग की संस्कृति के बारे में सूचना दी गई है।
- भारत के राजचिह्न में प्रयुक्त होने वाला शब्द ‘सत्यमेव जयते’ मुण्डक उपनिषद् से लिया गया है।
- ऋग्वैदिक आर्यों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन था ।
- भारतीय संगीत का आदि ग्रन्थ सामवेद को कहा जाता है।
- प्रथम विधि निर्माता मन हैं ।
- ऋग्वेद के 10वें मंडल में शूद्र का उल्लेख पहली बार मिलता है।
- पुराणों की संख्या 18 है ।
- इंद्र देवता के लिए ऋग्वेद में ‘पुरंदर‘ शब्द का प्रयोग हुआ है।
- ‘शुल्व सूत्र’ ज्यामिति विषय से सम्बन्धित पुस्तक है।
- ‘असतो मा सद्गमय’ ऋग्वेद से लिया गया है।
- आर्य भारत में बाहर से आए और सर्वप्रथम पंजाब में बसे थे।
- ऋग्वेद का नौवाँ मंडल पूर्णतः सोम को समर्पित है ।
- प्रसिद्ध दस राजाओं का युद्ध ‘दाशराज युद्ध’ परुष्णी नदी के तट पर लड़ा गया।
- आरम्भिक वैदिक साहित्य में सर्वाधिक वर्णित सिन्धु नदी है।
- अध्यात्म ज्ञान के विषय में नचिकेता और यम का संवाद कठोपनिषद में प्राप्त होता है ।
- कपिल मुनि द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक मत सांख्य दर्शन प्रणाली है।
- भारत के अतरंजीखेड़ा स्थल की खुदाई से लौह धातु प्रचलन के प्राचीनतम प्रमाण मिले हैं।
- गायत्री मंत्र (देवी सावित्री को सम्बोधित) ऋग्वेद में मिलता है।
- प्राचीन भारत में ‘निष्क’ से स्वर्ण आभूषण जाने जाते थे ।
- योग दर्शन के प्रतिपादक पतंजलि हैं।
- बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया था।
- बौद्ध धर्म ग्रहण करने वाली पहली महिला महाप्रजापति गौतमी थी।
- सिद्धार्थ (बुद्ध) को ज्ञान प्राप्ति बोधगया में हुई थी।
- सारनाथ में बुद्ध का प्रथम प्रवचन धर्मचक्रप्रवर्तन कहलाता
- सर्वप्रथम शून्यवाद (शून्यता का सिद्धान्त) का प्रतिपादन करने वाले बौद्ध दार्शनिक का नाम नागार्जुन है।
- महावीर स्वामी का जन्म कुण्डग्राम में हुआ था।
- महावीर का जन्म ज्ञांत्रिक क्षत्रिय गोत्र में हुआ था।
- महावीर की माता त्रिशला थी ।
- महावीर का मूल नाम वर्धमान था ।
- महावीर की मृत्यु पावापुरी में हुई थी ।
- जैनियों के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव थे।
- जैन परम्परा के अनुसार जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए
- समुदाय के श्वेताम्बर सम्प्रदाय के संस्थापक स्थूलभद्र थे।
- जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ द्वारा प्रतिपादित चार महाव्रतों में महावीर स्वामी ने पाँचवें महाव्रत के रूप में ब्रह्मचर्य को जोड़ा।
- भगवान् महावीर का प्रथम शिष्य जमालि था।
- त्रिरत्न सिद्धान्त-सम्यक् धारणा, सम्यक् चरित्र, सम्यक् ज्ञान-जैन धर्म की महिमा है ।
- दिलवाड़ा के जैन मन्दिरों का निर्माण चौलुक्यों सोलंकियों ने करवाया था ।
- जैन साहित्य को आगम कहा जाता|
- जैन ग्रन्थ ‘कल्प सूत्र‘ के रचयिता भद्रबाहु हैं ।
- अनेकांतवाद जैन मत का क्रोड़ (केन्द्रीय) सिद्धान्त एवं दर्शन है ।
- प्रथम जैन महासभा का आयोजन पाटलिपुत्र में हुआ था।
- द्वितीय जैन महासभा का आयोजन वल्लभी में हुआ था।
- आजीवक सम्प्रदाय के संस्थापक मक्खलि गोसाल थे।
- प्राचीन भारत में पहला विदेशी आक्रमण ईरानियों द्वारा किया गया।
- सिकन्दर ने भारत पर 326 ई.पू. आक्रमण किया।
- उदयिन ने गंगा एवं सोन नदियों के संगम पर पाटलिपुत्र नामक नगर की स्थापना की।
- मगध की प्रथम राजधानी गिरिव्रज/राजगृह थी ।
- सोलह महाजनपदों की सूची अंगुत्तर निकाय में उपलब्ध है।
- मगध का राजा घनानंद सिकन्दर महान् का समकालीन था।
- सिकन्दर के आक्रमण के समय उत्तर भारत पर नंद राजवंश का शासन था ।
- ‘चरक संहिता‘ नामक पुस्तक चिकित्सा विषय से सम्बन्धित है।
- यज्ञ सम्बन्धी विधि-विधानों का पता यजुर्वेद से चलता है प्राचीनतम व्याकरण ‘अष्टाध्यायी‘ के रचनाकार पाणिनि हैं ।
- मत्स्य पुराण प्राचीनतम पुराण है ।
- ऋग्वेद में सबसे पवित्र नदी सरस्वती माना गया ब्राह्मण ग्रन्थों में सर्वाधिक प्राचीन शतपथ ब्राह्मण है।
- ‘गोत्र‘ व्यवस्था उत्तर-वैदिक काल से प्रचलन में आई ‘मनुस्मृति‘ मुख्यतया समाज व्यवस्था से सम्बन्धित है।
- अथर्ववेद में जादुई माया और वशीकरण (magical charms and spells) का वर्णन है ।
- ऋग्वेद में ‘अघन्य’ (वध योग्य नहीं) शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया था ।
- उत्तर-वैदिक काल में प्रजापति देवता को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था।
- गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. में लुम्बिनी में हुआ था ।
- जातक साहित्य बुद्ध के विभिन्न जन्मों की कथाओं के विषय में हैं ।
- ‘त्रिपिटक‘ बौद्धों का धर्म ग्रन्थ है ।
- बुद्ध ने कुशीनगर में महापरिनिर्वाण (मृत्यु) प्राप्त किया था ।
- बुद्ध की मृत्यु के बाद प्रथम बौद्ध संगीति की अध्यक्षता महाकश्यप ने की थी ।
- राजगृह नगर में प्रथम बौद्ध संगीति/सभा आयोजित की गई थी ।
- ‘मिलिंदपण्हो‘ राजा मिलिंद और नागसेन बौद्ध भिक्षु के मध्य संवाद के रूप में है ।
- बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म दोनों ही कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धान्त में विश्वास करते हैं।
- तृतीय बौद्ध संगीति पाटलिपुत्र में आयोजित की गई थी।
- कनिष्क के शासनकाल में चतुर्थ बौद्ध संगीति / सभा कुण्डलवन, कश्मीर नगर में आयोजित की गई थी।
- गौतम बुद्ध का गुरु आलार कलाम थे ।
- बुद्ध में वैराग्य भावना बूढ़ा, रोगी, मृत, संन्यासी 4 दृश्यों के कारण बलवती हुई।
- बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश श्रावस्ती में दिए।
- भारत में सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप सांची में स्थित है।
- धर्मपाल ने बौद्धों के लिए विख्यात विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की थी ।
- बौद्ध ग्रंथ ‘पिटकों’ की रचना पालि भाषा में की गई थी
- कश्मीर में कनिष्क के शासनकाल में जो बौद्ध संगीति आयोजित हुई थी उसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी ।
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